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सबसे बड़ा सवाल : कही 2 करोड़ के टेंडर ने तो नही ली ईओ मणिमंजरी की जान ?


नगर पंचायत मनियर में है बड़ा झोल
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। सोमवार की रात में मनियर नगर पंचायत की युवा ईओ मणि मंजरी राय की बलिया कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास हरपुर में आवास पर फांसी लगाकर कर की गई आत्महत्या कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है । सवाल यह उठता है कि ईओ ने ऐसा कदम क्यो उठाया ?
 सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो माह पहले अनियमित रूप से खोले गये 2 करोड़ रुपये के टेंडर का वर्क आर्डर जारी करने का मणि मंजरी पर काफी दबाव बनाया जा रहा था । जबकि ईओ का साफ कहना था कि जबतक बोर्ड से प्रस्ताव पारित नही होगा , मैं इसका वर्क आर्डर जारी नही करूंगी ?
बता दे कि इस टेंडर के खोलने के समय न ईओ उपस्थित थी, न ही इसके कागजातों पर हस्ताक्षर ही कि थी । इस टेंडर का वर्क आर्डर जारी न करने से नाराज चेयरमैन ने जिलाधिकारी बलिया से ईओ द्वारा विकास कार्य अवरोधित करने की शिकायत भी की गई है, ऐसा बताया जा रहा है । इस शिकायत के बाद इस टेंडर को निरस्त करने की अपनी संस्तुति देने के लिये मणि मंजरी ने बलिया के कई विभागीय अधिकारियों से रायशुमारी भी की थी ।  इसके साथ ही गो आश्रय स्थल के घटिया निर्माण से भी ईओ बहुत नाराज चल रही थी ।

मनियर नगर पंचायत की परिपाटी एक ही दिन में फ़ाइल बनती और होती है पास
किसी भी कार्य की फ़ाइल अगर कोई अधिकारी मांगे तो मनियर के नगर पंचायत में मिलना संभव नही है । सारा रिकार्ड एक बाबू के पास होता है । जब भुगतान का समय आता है तो फ़ाइल अवतरित हो जाती है । इसी परिपाटी का ईओ अपने शुरुआती कार्यकाल से ही विरोध कर रही थी । जब ईओ को लगा कि मेरी बात नही मानी जा रही है तो छुट्टी ले ली थी और अपना स्वयं अटैचमेंट जिला मुख्यालय करायी थी । अगर इस आत्महत्या प्रकरण की गहनता से जांच कर दी जाय तो कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब हो जाएंगे ।