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डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बनाया माइक्रो प्लान :'हड्डी तोड़ बुखार' ही है डेंगू, बचाव और जागरूकता है बेहद जरूरी – सी०एम०ओ० बलिया

डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बनाया माइक्रो प्लान :'हड्डी तोड़ बुखार' ही है डेंगू, बचाव और जागरूकता है बेहद जरूरी – सी०एम०ओ० बलिया

बलिया,  9 दिसंबर 2019 ।। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था के साथ ही बचाव के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। मोहल्ले के हिसाब से  रोस्टर प्लान लार्वि साइडल छिड़काव का माइक्रो प्लान जिला मलेरिया कार्यालय के द्वारा बनाया गया है।
मलेरिया कार्यालय 10 दिसम्बर को आवास विकास कॉलोनी जापलीनगंज, 11  को जगदीशपुर भृगु आश्रम, 12 को शास्त्री नगर कदम कदमतर, कृष्णा नगर, 13 को स्टेशन रोड, विजय सिनेमा रोड, हॉस्पिटल गेट, 16 को चौक आर्य समाज रोड डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, 17 को बालेश्वर मंदिर, राजपूत नेवरी, आनंद नगर, 18 को गुदरी बाजार ओकडेनगंज, टैगोर नगर, 19 को जलालपुर ,उमर गंज बहेरी और 20 दिसम्बर को चंद्रशेखरनगर अमृतपाली अगरसंडा में छिड़काव की योजना तैयार की है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ पीके मिश्रा ने बताया कि जिला मलेरिया विभाग की टीम एवं फील्ड वर्कर इस कार्य करेंगे। इसके साथ ही नगर पालिका परिषद को डेंगू की लाइन लिस्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तरफ से भेजी जा चुकी है। इस आशा के साथ की अपना फागिंग के लिए  माइक्रोप्लान बनाकर शहर में फागिंग का कार्य संपादन करवायें।
हो रही है निरोधात्मक कार्यवाही
मुख्य चिकित्साधिकारी  ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम द्वारा निरोधात्मक कार्यवाही के साथ जनजागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर पीड़ित मरीजो के रक्त नमूनों की जाँच, क्लोरिन की गोली का वितरण, ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वी साइडल का छिड़काव किया जा रहा है। जनपद में किसी भी प्रकार का कोई ज्वर पीड़ित मरीज संज्ञान में आता है तो तत्काल सीएमओ आफिस वेक्टर बार्न को सूचित करें।
जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ जियाउल हुदा ने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच बेहद जरूरी है जिससे डेंगू की पहचान होती है। एलाइजा जांच सदर अस्पताल बलिया के सेंटिनल लैब में निःशुल्क उपलब्ध है और इस जांच में बलिया के मरीजों को एक से दो दिन का समय लग जाता है लेकिन इस दौरान उनका इलाज जारी रहता है।
डेंगू एडीज़ मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के पाँच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं। डेंगू के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक ‘हड्डियों का दर्द’ है। इस कारण से डेंगू को 'हड्डी तोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू, खासतौर पर बारिश के मौसम के दौरान और बाद में होता है क्योंकि इसी मौसम में एडीज़ मच्छरों को पनपने के लिए भरपूर पानी मिलता है। इस समय डेंगू तेजी से फैल रहा है लेकिन उससे डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि लोगों को सावधान और जागरूक रहने की आवश्यकता है। डेंगू के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त आदि।
डेंगू से बचाव-
दिन के समय मच्छरों को दूर रखने वाली क्रीम लगाएँ। पूरे शरीर को ढक कर रखने वाले कपड़े पहनें। घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें। कूलर, गमले और टायर आदि में पानी न भरने दें और इन जगहों पर कैरोसीन तेल या मच्छर भगाने का पाउडर छिड़ककर रखें। पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें। खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं।
वर्ष 2019 में अभी तक डेंगू से संभावित 600 रोगियों की नमूनों की जांच जिला सेंटिनल लैब में की गई जिसमें से 115 रोगी डेंगू के धनात्मक पाए गए अभी तक डेंगू से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है।